राष्ट्रसंत मुरारी बापू

आज समाधित्रय का दर्शन करके आनंदानुभव हो राहा है !  रामचरितमानस के प्रसादको गृह-गृह, जन जन और घर घर पहुचाने का एक बडा कार्य हुआ / हो रहा है / होता रहेगा ! ऐसी श्रद्धा है ! प. पु. स्वामीजी महाराज तो समाधिस्थसे भी ज्यादा मानस्थ बने रहेंगे! आप सबको साधुवाद ! मेरी प्रसन्नता और प्रभु प्रार्थना ! राम सुमिरनके साथ !

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